कुछ होने के बाद जागता है सिस्टम

नई दिल्ली। देश के मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने कहा कि "कुछ होने के बाद" ही हमारा सिस्टम जागता है। दिल्ली गैंग रेप के दिन बस काफी देर तक घूमती रही। उसमें काले शीशे लगे थे, जो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन है। अगर काली फिल्म नहीं होती तो आरोपी दिख जाते। जस्टिस कबीर साकेत में गठित फास्ट ट्रैक कोर्ट के उद्घाटन पर बोल रहेथे। दुष्कर्म के मामलों की जल्द सुनवाई के लिए दिल्ली में पांच फास्ट ट्रैक कोर्ट शुरू हो जाएंगी। दिल्ली गैंग रेप मामले पर सीजेआई ने कहा, ये युवती की आत्मा के खिलाफ अपराध है। उन्होंने कहा कि रेप के मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट एक कोशिश है। लेकिन न्यायपालिका तब तक ज्यादा कुछ नहीं कर सकती, जब तक केस उसके सामने न आए। पीडिता के नाम पर कानून नहीं नई दिल्ली. दिल्ली गैंग रेप पीडिता के नाम पर कानून बने या नहीं इस मुद्दे को लेकर बहस ने तूल पकड़ लिया है। पीडिता के परिजनों ने दुष्कर्म विरोधी नए कानून का नामकरण अपनी बेटी के नाम पर रखने के सुझाव पर सहमति जताई है। साथ ही कहा है कि ऎसा होना उनके लिए गर्व की बात होगी। उन्हें पीडिता की पहचान उजागर होने पर भी आपत्ति नहीं है। मानव संसाधन राज्यमंत्री शशि थरूर ने ऎसा सुझाव दिया था, दूसरी तरफ गृह मंत्रालय किसी व्यक्ति के नाम पर कानून बनाने के खिलाफ है। आईपीसी में किसी के नाम पर कानून बनाने का कोई प्रावधान नहीं है। कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने इसका विरोध किया है। हालांकि, भाजपा ने पीडिता की बहादुरी को देखते हुए उसे अशोक चक्र से सम्मानित करने की भी मांग की है।

4 comments:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

आपने सही कहा "कुछ होने के बाद" ही हमारा सिस्टम जागता है। काव्यान्जलि: किस्मत हिन्दुस्तान की,

Shalini kaushik said...

बहुत सही बात कही है आपने .सार्थक अभिव्यक्ति मरम्मत करनी है कसकर दरिन्दे हर शैतान की #

Ramakant Singh said...

यही आक्रोश चारों ओर दिखलाई देता है

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

सही बात...