30 साल का हो गया इंटरनेट

लंदन। नए साल के जश्न की वजहसे जहां पूरी दुनिया के लिए मंगलवार खास रहा,वहीं दुनियाभर के खरबों लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने वाले इंटरनेट ने भी इसी दिन अपने अस्तित्व के 30 साल पूरे किए। उल्लेखनीय है कि 1 जनवरी 1983 को इंटरनेट ने अरपानेट का स्थान लिया था औरएक नई क्रांति का बिगुल बजाया था। इस दिन एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क (अरपानेट) के नेटवर्क कंट्रोल प्रोटोकॉल को ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल और इंटरनेट प्रोटोकॉल (टीसीपी/आईपी) पर शिफ्ट किया गया था। हालांकि कई कंप्यूटरों को एक-दूसरे से जोड़ने का काम 1960 के दशक में ही शुरू हो गया था,लेकिन आज के स्वरूप में इस्तेमाल होने वाले इंटरनेटका विकास टीसीपी/आईपी की वजह से ही संभव हो सका। नेटवर्क कंट्रोल प्रोटोकॉल को टीसीपी/आईपी पर शिफ्ट करने की जरूरत इस वजह से पड़ी,क्योंकि इससे सीमित संख्या में कंप्यूटरों को जोड़ा जा सकता था। यह संख्याकरीब 1000 थी। ज्यादा कंप्यूटर जोड़ने के लिए एक नए प्रोटोकॉल की जरूरत थी औरविंट सर्फ और रॉबर्ट काहन नेदस साल की मेहनत के बाद टीसीपी/आईपी को साकार किया।1989 में टिम बर्नर्स ली ने टीसीपी/आईपी के इस्तेमाल सेही हाइपरटेक्स्ट डॉक्यूमेंट्स के एक सेट को जोड़ने में सफलता हासिल की,जिसे वल्र्ड वाइड वेब के नाम से जाना गया।

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